Annapurna Mata Ki Aarti अन्नपूर्णा माता की आरती – अन्नपूर्णा माता की जो कोई भी सच्चे ह्रदय से आराधना और स्तुति करता है. उसे कभी भी दुःख और दरिद्रता नहीं सताती है. उसे कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.
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Annapurna Mata Chalisa | अन्नपूर्णा माता चालीसा
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Annapurna Mata Ki Aarti अन्नपूर्णा माता की आरती
|| अन्नपूर्णा माता की आरती ||
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम,
जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम |
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम,
प्रलय युगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तक नाम |
सुर असुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहं राम,
चुमहि चरण चतुर चतुरानन, चारू चक्रधर श्याम |
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखही ललाम,
देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तब नाम |
त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरणरूप तव धाम,
श्री ह्री श्रद्धा श्री ऐं, विद्या क्लीं कमला काम |
कांती भ्रान्तिमयी कांति, शांतिमयीवर दे तू निष्काम |
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम,
जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम |
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माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना जाता है. इस संसार के समस्त प्राणियों को भोजन माँ अन्नपूर्णा की कृपा से ही प्राप्त होता है.
इन्हें माँ दुर्गा का ही एक स्वरुप माना जाता है. माता अपने भक्तों का इस संसार के प्राणियों का भरण पोषण करती हैं.
माँ अन्नपूर्णा की जिस पर भी कृपा रहती है उसे कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.