Mahagauri Mata – महागौरी माता – इस प्रकाशन में हमने माँ महागौरी की पूजा आराधना के लिए महागौरी मंत्र (Mahagauri Mantra), महागौरी माता स्तुति (Mahagauri Mata Stuti), माँ महागौरी स्तोत्र (Maa Mahagauri Stotra), महागौरी प्रार्थना मंत्र (Mahagauri Prarthna Mantra), महागौरी कवच मंत्र (Mahagauri Kavach Mantra) और महागौरी माता की आरती प्रकाशित की है.
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नवरात्रि में आठवें दिन अर्थात अष्टमी तिथि को महागौरी माता की पूजा आराधना की जाती है. माँ महागौरी देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति स्वरूपा है. यही माँ पार्वती का भी रूप है.
महागौरी माता को वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है.
सभी नौ दुर्गाओं में महागौरी माता को सर्वाधिक महत्व दिया गया है. धार्मिक मान्यता है की महागौरी माता की पूजा आराधना करने से सभी नौ दुर्गा की पूजा आराधना का फल प्राप्त हो जाता है.
माँ महागौरी की पूजा आराधना करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है. माँ अपने भक्तों की सभी कष्टों को दूर करतीं है. अपने भक्तों की समस्त शुभ मनोकामनाओ को पूर्ण करतीं हैं.
तो चलिए अब हम सब भक्तिपूर्वक माँ महागौरी की आराधना और स्तुति प्रारंभ करतें हैं.
Table of Contents
Mahagauri Mantra – माँ महागौरी मंत्र
यहाँ दिए गए महागौरी मंत्र का कम-से-कम 108 बार पाठ अवस्य करें. महागौरी माता की आराधना और स्तुति के लिए यह सबसे उत्तम मंत्र है. इस महागौरी मंत्र का प्रभाव अत्यंत ही व्यापक है.
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
Mahagauri Mata Stuti Mantra – महागौरी माता स्तुति मंत्र
यहाँ दिए गए महागौरी माता स्तुति मंत्र के पाठ के माध्यम से माँ महागौरी की ह्रदय से स्तुति करें.
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
Maa Mahagauri Prarthna Mantra – माँ महागौरी प्रार्थना मंत्र
अब आप अपने हाथों को प्रणाम की मुद्रा में जोड़कर यहाँ दिए गए मंत्र का पाठ करें, और माँ महागौरी से सर्वकल्याण के लिए मन में प्रार्थना करें.
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः |
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ||
महागौरी माता ध्यान मंत्र – Mahagauri Mata Dhyan Mantra
यहाँ हमने महागौरी माता ध्यान मंत्र दिया हुआ है. इस महागौरी माता ध्यान मंत्र का पाठ करें और अपने ह्रदय में माँ महागौरी का ध्यान करें.
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥
पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥
Mahagauri Stotra – महागौरी स्तोत्र
फिर आप सब यहाँ दिए गए महागौरी स्तोत्र पाठ के माध्यम से माँ महागौरी की आराधना और स्तुति करें. यहाँ दिया हुआ महागौरी स्तोत्र अत्यंत ही सिद्ध महागौरी स्तोत्र है. इस महागौरी स्तोत्र के पाठ से सर्वत्र सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होने लगती है.
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्तिपूर्वक यहाँ दिए गए माँ महागौरी स्तोत्र का पाठ करें.
सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
Mahagauri Mata Kavach Mantra – महागौरी माता कवच मंत्र
यहाँ दिया हुआ महागौरी माता कवच मंत्र अत्यंत ही सिद्ध और शक्तिशाली कवच मंत्र है. सभी संकटों से बचाने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली माँ दुर्गा की परम कृपा पाने के लिए आप सब अत्यंत ही श्रद्धा भाव के साथ इस महागौरी माता कवच मंत्र का पाठ करें. माँ महागौरी से सभी संकटों से रक्षा करने के लिए प्रार्थना करें.
ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो।
क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥
Siddhidatri Mata – माँ सिद्धिदात्री मंत्र, स्तुति, स्तोत्र, आरती
महागौरी माता की आरती
माँ महागौरी की पूजा आराधना करने के पश्चात महागौरी माता की आरती अवस्य करें. यहाँ हमने दुर्गा माता की आरती का लिंक दिया हुआ है. आप उस पोस्ट को भी अवस्य देखें.
|| महागौरी माता की आरती ||
जय महागौरी जगत की माया।
जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहा निवास॥
चन्द्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिक देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥
महागौरी माता से संबंद्धित कुछ धार्मिक जानकारी
- महागौरी माता की पूजा आराधना नवरात्रि की अष्टमी तिथि को की जाती है.
- इन्हें आदिशक्ति माँ पार्वती, माँ दुर्गा की आठवीं शक्ति स्वरूपा माना जाता है.
- सुहागिन स्त्रियों के लिए तो माँ महागौरी माता की पूजा आराधना करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है.
- सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की लंबी आयु, संकटों से रक्षा और वैवाहिक जीवन में सुख-शान्ति के लिए माँ महागौरी की पूजा आराधना करतीं हैं.
- कुंवारी स्त्रियाँ माँ महागौरी से योग्य वर और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करतीं हैं.
- माँ महागौरी की पूजा आराधना करने से समस्त दुर्गा रूपों की पूजा का फल प्राप्त हो जाता है.
- महागौरी माता का वर्ण पूर्णतया गौर्य है.
- इनके समस्त वस्त्र और आभूषण भी स्वेत रंग के ही होतें हैं.
- माँ महागौरी माता का वाहन वृषभ है. इस कारण से इन्हें वृषारुढ़ा भी कहा जाता है.
- महागौरी माता की चार भुजाएं हैं.
- महागौरी माता के दाहिने तरफ के ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में तथा निचे वाले हाथ में त्रिशूल है.
- बाएं तरफ के निचे वाला हाथ वर मुद्रा में और ऊपर वाले हाथ में डमरू है.
- महागौरी माता की पूजा आराधना करना अत्यंत ही शुभ और कल्याणकारी होता है.
- माता अपने भक्तों की समस्त कष्टों से मुक्ति प्रदान करती है.
- सुख और समृद्धि प्रदान करती है.
FAQ
नवरात्रि में किस दिन महागौरी माता की पूजा आराधना करने का विधान है?
नवरात्रि में आठवें दिन अर्थात अष्टमी तिथि को महागौरी माता की पूजा आराधना करने का विधान है.
महागौरी माता किस देवी का रूप मानी जाती है?
महागौरी माता आदिशक्ति माँ पार्वती जो की माँ दुर्गा भी है की आठवीं शक्ति स्वरुप मानी जाती है.
माँ महागौरी को वृषारुढ़ा के नाम से क्यों जाना जाता है?
माँ महागौरी का वाहन वृषभ है. इस कारण से माँ महागौरी को वृषारुढ़ा के नाम से जाना जाता है.
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