इस पोस्ट में हम आकाश गायत्री मंत्र – Akash Gayatri Mantra के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
हमारे इस जीवन का निर्माण पंचभूत तत्वों से हुआ है. इन पंच तत्वों में आकाश भी एक प्रमुख तत्व है.
अगर किसी व्यक्ति को आकाश तत्व के दोष के कारण किसी भी प्रकार की परेशानी हो. कोई शारीरिक समस्या हो, रोग हो, जीवन में सुख शांति नहीं हो तथा धन आदि की कमी हो तो, आकाश गायत्री मंत्र का जाप लाभदायक हो सकता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है.
निचे हमने आकाश गायत्री मंत्र दिया हुआ है. आप इसका नियमानुसार पाठ करें.
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Akash Gayatri Mantra – आकाश गायत्री मंत्र
ॐ आकाशाय च विद्महे नभो देवाय धीमहि, तन्नो गगनं प्रचोदयात् ||
Om Akashay Cha Vidmahe Nabho Devay Dhimahi, Tanno Gaganam Prachodayat.
आकाश गायत्री मंत्र का महत्व
- आकाश गायत्री मंत्र पंचभूत तत्वों में से आकाश तत्व के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
- अगर किसी व्यक्ति को आकाश तत्व के कारण कोई परेशानी आदि हो तो उसे आकाश गायत्री मंत्र के पाठ से लाभ की प्राप्ति होती है.
- पंचभूत तत्वों में आकाश तत्व को संतुलित करने के लिए आकाश गायत्री मंत्र का पाठ किया जाता है.
- किसी ज्योतिष की सलाह पर आकाश गायत्री मन्त्र का नियमानुसार पाठ करने से अत्यंत ही शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है.
- आकाश गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार पाठ करें.
इस पोस्ट में बस इतना ही. आप अपने सुझाव और सलाह कमेंट बॉक्स में लिख सकतें हैं.
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