Aadinath Aarti – आदिनाथ भगवान की आरती – इस प्रकाशन में हम श्री आदिनाथ भगवान की स्तुति के लिए दो प्रसिद्द आरती को प्रकाशित कर रहें हैं.
आप दोनों आरतियों में से किसी के भी माध्यम से श्री आदिनाथ देव जी की स्तुति कर सकतें हैं.
जैन धर्म के सबसे प्रभावशाली मंत्रो में Bhaktamar stotra भक्तामर स्तोत्र को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. आप भी भक्तामर स्तोत्र का पाठ अवस्य करें.
श्री आदिनाथ भगवान की आराधना के लिए Adinath Chalisa | आदिनाथ चालीसा का पाठ करें.
Aadinath Aarti | आदिनाथ भगवान की आरती
Adarshj4, CC BY-SA 3.0, via Wikimedia Commons|| श्री आदिनाथ भगवान की आरती ||
आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान की,
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की |
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी,
आरती हो बाबा, आरती हो |
प्रभुजी हमसब उतारें थारी आरती,
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी |
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी,
इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता |
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता,
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की… |
तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए,
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये |
मैं मंगल दीप सजाऊँ, मैं जगमग ज्योति जलाऊँ,
मैं तुम चरणों में आऊँ, मैं भक्ति में रम जाऊँ |
हे झूमझूमझूम नाचूँ करुँ आरती,
आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान की |
Shri Aadinath Bhagwan Ki Aarti Lyrics
|| Shri Aadinath Aarti ||
Aarti Utarun Aadinath Bhagwan Ki,
Mata Marudevi Pita Nabhiray Lal Ki.
Rom Rom Pulakit Hota Dekh Moorat Aapki,
Aarti Ho Baba, Aarti Ho.
Prabhuji Ham Sab Utaren Thari Aarti.
Tum Dharm Dhurandhar Dhari, Tum Rishabh Prabhu Awtari.
Tum Tin Lok Ke Swami, Tum Gun Anant Sukhkari.
Is Yug Ke Pratham Vidhata, Tum Moksh Maarm Ke Data.
Jo Sharan Tumhari Aata, Vo Bhav Sagar Tir Jata.
He …. Naam He Hajaron Hi Gun Gaan Ki …..
Tum Gyan Ki Jyoti Jamaye, Tum Shiv Marag Batlaye.
Tum Aatho Karam Nashaye, Tum Siddh Param Pad Paaye.
Main Mangal Deep Sajaun, Main Jagmag Jyoti Jalaun.
Main Tum Charno Me Aaun, Main Bhakti Me Ram Jaaun.
He Jhum Jhum Jhum Naachun Karun Aarti.
Aarti Utarun Aadinath Bhagwan Ki.
Om Jai Aadinath Deva Aarti | ॐ जय आदिनाथ देवा आरती
|| आदिनाथ भगवान की आरती ||
ॐ जय आदिनाथ देवा, स्वामी जय आदिनाथ देवा.
तुम हो बिघ्न विनाशक, तुम हो बिघ्न विनाशक.
पार करो खेबा.
ॐ जय आदिनाथ देवा……..
ॐ जय आदिनाथ देवा, स्वामी जय आदिनाथ देवा.
तुम हो बिघ्न विनाशक, तुम हो बिघ्न विनाशक.
पार करो खेबा.
ॐ जय आदिनाथ देवा……..
नाभिराय जी पिता तुम्हारे, माता मरूदेवी.
स्वामी माता मरूदेवी.
रूप तुम्हारा महा मनोहर, रूप तुम्हारा महा मनोहर.
सेव करे देवी.
ॐ जय आदिनाथ देवा ………
नीलांजना के देख निधन को,
जिन दीक्षा धारी. स्वामी जिन दीक्षा धारी.
भेष दिगम्बर धारा प्रभु ने. भेष दिगम्बर धारा प्रभु ने.
महिमा है न्यारी.
ॐ जय आदिनाथ देवा ………
असि, मसि, कृषि, वाणिज्य, कला प्रभु,
तुमने उपदेशे, स्वामी तुमने उपदेशे.
केवलज्ञान पाए प्रभु जी तुम, केवलज्ञान पाए प्रभु जी तुम.
भवजन उपदेशे.
ॐ जय आदिनाथ देवा ………
माघ वदी चौदस को प्रभु जी,
भव-भव नाश हुआ, स्वामी भव-भव नाश हुआ.
गिरी कैलाश से आदि प्रभु जी.
गिरी कैलाश से आदि प्रभु जी.
तुम निर्वाण हुआ.
ॐ जय आदिनाथ देवा ………
मूर्ति तुम्हारी महा मनोहर,
निरख निरख हर्षे. स्वामी निरख निरख हर्षे.
आरती पूजा करे तुम्हारी, आरती पूजा करे तुम्हारी.
निशि दिन गुण भाषे.
ॐ जय आदिनाथ देवा ………
हम सब मिलकर प्रभु आपकी,
निशि दिन गुण गावे. स्वामी निशि दिन गुण गावे.
पाप के तिमिर से दूर करो प्रभु.
पाप के तिमिर से दूर करो प्रभु.
सुख-शांति आवे.
ॐ जय आदिनाथ देवा ……..
महत्व
- आदिनाथ भगवान की आरती | Aadinath Bhagwan Ki आरती आदिनाथ देव की स्तुति करने का एक सरल और सफल माध्यम है.
- आदिनाथ देव की आरती सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक करें और श्री आदिनाथ भगवान की कृपा पायें.
- भगवान श्री आदिनाथ देव जी की कृपा से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जातें हैं.
- आदिनाथ भगवान की कृपा से जीवन में सुख और शांति आती है.
- आत्मिक शांति की प्राप्ति श्री आदिनाथ देव जी की स्तुति करने से मिलती है.
विडियो
श्री आदिनाथ भगवान की आरती ( Aadinath Aarti ) से संबंद्धित कुछ यूट्यूब विडियो हमने निचे दिया हुआ है. भक्तिपूर्वक इस विडियो को देखें.
Audio
Aadinath Aarti Audio आदिनाथ आरती ऑडियो निचे दिया हुआ है. आप प्ले बटन दबाकर इसे सुन सकतें हैं.
आदिनाथ भगवान से संबंद्धित कुछ जानकारी Some information related to Adinath Bhagwan
आदिनाथ भगवान जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर थे. श्री आदिनाथ जी को ऋषभदेव जी के नाम से भी जाना जाता है.
इनका जन्म स्थान अयोध्या था. श्री आदिनाथ भगवान ने इक्ष्वाकु वंश में जन्म लिया था.
इनके पिता का नाम नाभिराज और माता का नाम महारानी मरूदेवी था.
भगवान श्री आदिनाथ जी ने अहिंसा, अपरिग्रह की शिक्षा दी.
भगवान् श्री आदिनाथ जी की मंत्र है – || ऊँ ह्रीं श्री ऋषभदेवाय नम: ||
अन्य नाम | ऋषभनाथ, वृषभनाथ |
तीर्थंकर | प्रथम |
पिता | नाभिराज |
माता | महारानी मरूदेवी |
वंश | इक्ष्वाकु वंश |
जन्म स्थान | अयोध्या |
शिक्षा | अहिंसा, अपरिग्रह |
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