Ganesh Ji Ki Aarti – गणेश जी की आरती – प्रथम पूज्य श्री गणपति गणेश जी की आराधना और स्तुति के लिए गणेश जी की आरती करना एक अत्यंत ही सरल और मान्य उपाय माना गया है.
नमस्कार, विघ्नहर्ता, प्रथम पूज्य भगवान श्री शिव और माता पार्वती नंदन श्री गणेश जी के सभी भक्तों का हम www.hdhrm.com में हार्दिक अभिनंदन करतें हैं.
आज के इस अंक में गणेश जी की आरती हिंदी में लिरिक्स के साथ (Ganesh Ji Ki Aarti with Lyrics) प्रकाशित की गई है. साथ ही हमने इस प्रकाशन में गणेश जी की आरती कैसे करें? गणेश जी की आरती का क्या महत्व है? तथा गणेश जी की आरती से क्या लाभ हो सकतें हैं? की जानकारी दी हुई है.
आप सबकी श्रद्धा और भक्ति का ध्यान रखतें हुए हमने इस प्रकाशन में गणेश जी की आरती का Mp3 और विडियो भी दिया हुआ है?
आप सभी श्गभाक जन गणपति जी की आराधना करें इस भजन आरती के साथ Deva Ho Deva Ganpati Deva देवा हो देवा गणपति देवा.
Table of Contents
गणेश जी की आरती – Ganesh Ji Ki Aarti
|| गणेश जी की आरती ||
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
Ek Dant Daya Want, Char Bhuja Dhari ।
Mathe Sindor Shoye, Muse Ki Sawari ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
Pan Chadhe Phool Chadhe, Aur Chadhe Mewa ।
Laduan Ka Bhog Lage, Sant Kare Sewa ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
Andhan Ko Aankh Det, Kodhin Ko Kaya।
Bajhan Ko Purta Det, Nirdhan Ko Maya॥
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
‘sur’ Shaam Sharan Aaye, Safal KiJiye Sewa ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
Deenan Ki Laaj Rakho, Shambhu Sutakari ।
Kamana Ko Poorn Karo,Jaun Balihari ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati, Pita Maha Deva ॥
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Jai Ganesh Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Mp3
गणेश जी की आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा Mp3 निचे दिया गया है. इसे सुनने के लिए आप प्ले बटन या फिर Listen in Browser को दबाएँ.
भगवान श्री गणेश जी की आराधना और स्तुति करना बहुत ही शुभ होता है. श्री गणेश जी प्रथम पूज्य हैं. किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पूर्व श्री गणेश जी की स्तुति करना अत्यंत ही आवस्यक होता है.
श्री गणेश जी की कृपा से सभी कार्य निर्बिघ्न रूप से संपन्न हो जातें हैं. वे बुद्धि के दाता हैं.
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Video
गणेश जी की आरती विडियो निचे दिया गया है. आप इन विडियो को अवस्य देखें.
भगवान श्री गणेश जी की आराधना और स्तुति के लिए कुछ और प्रसिद्ध आरतियाँ हैं. हमने यहाँ विघ्नहर्ता श्री गणेश जी स्तुति के लिए कुछ और आरती का प्रकाशन किया हुआ है.
गणेश जी की आरती (सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची)
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा
हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया
लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती
Ganesh Ji Ki Aarti (गणपति की सेवा मंगल मेवा)
गणपति की सेवा मंगल मेवा,
सेवा से सब विध्न टरें |
तीन लोक तैतिस देवता,
द्वार खड़े सब अर्ज करे ||
ऋद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजे,
अरु आनन्द सों चवर करें |
धूप दीप और लिए आरती,
भक्त खड़े जयकार करें ||
गुड़ के मोदक भोग लगत है,
मुषक वाहन चढ़ा करें |
सौम्यरुप सेवा गणपति की,
विध्न भागजा दूर परें ||
भादों मास और शुक्ल चतुर्थी,
दिन दोपारा पूर परें |
लियो जन्म गणपति प्रभुजी ने,
दुर्गा मन आनन्द भरें ||
अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का,
देव वधू जहँ गान करें |
श्री शंकर के आनन्द उपज्यो,
नाम सुन्या सब विघ्न टरें ||
आन विधाता बैठे आसन,
इन्द्र अप्सरा नृत्य करें |
देख वेद ब्रह्माजी जाको,
विघ्न विनाशक नाम धरें ||
एकदन्त गजवदन विनायक,
त्रिनयन रूप अनूप धरें |
पगथंभा सा उदर पुष्ट है,
देख चन्द्रमा हास्य करें ||
दे श्राप श्री चंद्रदेव को,
कलाहीन तत्काल करें |
चौदह लोक मे फिरे गणपति,
तीन लोक में राज्य करें ||
उठ प्रभात जो आरती गावे,
ताके सिर यश छत्र फिरें |
गणपति जी की पूजा पहले करनी,
काम सभी निर्बिघ्न करें |
श्री गणपति जी की
हाथ जोड़कर स्तुति करें |
गणपति की सेवा मंगल मेवा,
सेवा से सब विध्न टरें |
गणेश जी की आरती कैसें करें?
गणेश जी की स्तुति सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से मनुष्य के भाग्य जागृत हो जातें हैं. उसके सभी शुभ कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न हो जातें हैं.
श्री संजय जी
प्रथम पूज्य श्री गणेश जी के समस्त भक्तों से मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूँगा की अगर आपको भगवान श्री गणेश जी की पूजन विधि पता हो या न हो? आप नियमानुसार श्री गणेश जी की आराधना करतें हों या नहीं? साथ ही इस प्रकाशन के विषय की अगर आपको भगवान श्री गणेश जी की आरती कैसे करनी चाहिए? पता हो या नहीं?
अगर आपके ह्रदय में भगवान श्री गणेश जी के प्रति सच्ची श्रद्धा और बिस्वास है, आप धार्मिक कार्यों में लिप्त रहतें हैं. पाप कर्मों से दूर हैं, दिन हिन् की सेवा करतें हैं. पशु पक्षियों के प्रति भी आपके ह्रदय में दया भाव है. तो आप पर भगवान श्री गणेश जी की परम कृपा अवश्य होगी. इसमें कोई संदेह नहीं हैं.
फिर भी हमने भगवान श्री गणेश जी की आरती कैसे करें? से संबंद्धित कुछ बातों को लिखा है.
- भगवान श्री गणेश जी की आरती आप किसी भी दिन कर सकतें हैं.
- प्रातः काल और संध्या काल का समय शुभ माना गया है.
- गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की आरती करना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
- दिवाली और लक्ष्मी पूजा में भी श्री गणेश जी की आरती अवश्य करनी चाहिए.
- किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व विघ्नहर्ता गणेश की पूजन और आरती करना शुभ माना गया है.
- साथ ही किसी भी पूजा में प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पूजन अवश्य करें और गणेश जी की आरती भी अवश्य करें.
- सम्पूर्ण रूप से पवित्र और स्वच्छ होने के पश्चात ही श्री गणेश जी की आरती करें.
- गणेश चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना गया है.
श्री गणेश जी की आरती का महत्व (Importance of Ganesh Ji Ki Aarti)
अगर आपका ह्रदय पवित्र है तो समझिये आप पर भगवान की परम कृपा हमेशा बनी हुई है.
श्री संजय जी
- हमारे धार्मिक ग्रंथो में भगवान श्री गणेश जी की स्तुति करने को बहुत अधिक धार्मिक महत्व दिया गया है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व श्री गणेश जी की स्तुति करना चाहिए, साथ ही गणेश जी की आरती करनी चाहिए. इससे वह कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न हो जाता है.
- किसी भी पूजा से पूर्व भगवान श्री गणेश जी का पूजन करना चाहिए. और श्री गणेश जी की आरती करनी चाहिए.
- गणेश जी की आरती करने से मनुष्य को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
- भगवान श्री गणेश जी की आरती करने से मनुष्य के दुःख और दारिद्र्य का नाश होता है.
आज के इस प्रकाशन को हम यही समाप्त कर रहें हैं.
भगवान श्री गणेश जी की परम कृपा आप सभी श्रद्धालुओं पर हमेशा बनी रहें.
गणेश जी की आरती के लिए सबसे शुभ समय कौन सा होता है?
वैसे तो आप किसी भी समय भक्तिपूर्वक श्री गणेश जी की आरती कर सकतें हैं. परन्तु प्रातः काल और संध्या काल का समय श्री गणेश जी की आरती के लिए शुभ माना जाता है.
गणेश जी की आरती के लिए कौन सा दिन उत्तम होता है?
वैसे तो आप किसी भी दिन श्रद्धा और भक्तिपूर्वक श्री गणेश जी की आरती कर सकतें हैं. गणेश चतुर्थी, दिवाली, धनतेरस, लक्ष्मी पूजन, किसी भी अन्य पूजन, किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ के समय गणेश जी की आरती करना उत्तम माना गया है.
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