Lakshmi Ji Ki Aarti ― लक्ष्मी जी की आरती ― धन धान्य की देवी, दुःख और दरिद्रता दूर करने वाली लक्ष्मी माता की स्तुति के लिए लक्ष्मी जी की आरती परम श्रद्धाभाव से करना अत्यंत ही शुभ फलदाई मानी गई है.
माता लक्ष्मी को धन सम्पति और सुख समृद्धि की देवी माना जाता है. जिस पर भी माता लक्ष्मी जी की कृपा रहती है, उसके यहाँ धन, वैभव और समृद्धि हमेशा बनी रहती है.
नमस्कार, सभी माँ लक्ष्मी जी के भक्तों का www.hdhrm.com में हम ह्रदय से अभिनंदन करतें हैं.
धनतेरस और दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा और आराधना करने के पश्चात माता लक्ष्मी जी की आरती अवस्य करें. साथ ही अगर आप लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa का पाठ करतें हैं, तो यह भी अत्यंत शुभ फलदायक होता है.
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तो चलिए अब हम माँ लक्ष्मी जी की आरती प्रारंभ करतें हैं.
सभी लक्ष्मी माता के भक्तों के लिए यहाँ हमने एक मंत्र दिया हुआ है. माता लक्ष्मी जी की आरती के पूर्व इन मंत्रो का पाठ करने से लक्ष्मी माता की परम कृपा उस साधक पर हमेशा बनी रहती है.
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लक्ष्मी जी की आरती से पूर्व करें इन मन्त्रों का जाप
माता लक्ष्मी जी की स्तुति के लिए लक्ष्मी जी की आरती से पूर्व निचे दिए गए मन्त्रों का पाठ करना शुभ फलदाई होता है.
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
Lakshmi Ji Ki Aarti ― लक्ष्मी जी की आरती
|| लक्ष्मी जी की आरती ||
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
मैया जी को निस दिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता.
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Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics
|| Lakshmi Mata Ki Aarti ||
Om Jai Lakshmi Mata,
Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko Nisdin Sewat,
Maiya ji ki nis din Sewat,
Har Vishnu Vidhata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Uma, Rama, Brahmani,
Tum Hi Jag Mata.
Surya Chandrama Dhyawat,
Naarad Rishi Gata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Durga Rup Niranjani,
Sukh Sampati Data.
Jo Koi Tumko Dhyata,
Ridhi Siddhi Dhan Pata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Tum Hi Patal Niwasini,
Tum Hi Subhdata.
Karm Prabhaw Prakashani,
Bhaw Nidhi Ki Trata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Jis Ghar Tum Rahti Ho,
Taahi Me Hai Sadgun Aata.
Sab Sambhaw Ho Jata,
Man Nahi Ghabrata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Tum Bin Yagyn Na Hota,
Wastra Na Koi Pata.
Khan Paan Ka Waibhaw,
Sab Tumse Aata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Shubh Gun Mandir Sundar,
Kshirodadhi Jata.
Ratn Chaturdash Tum Bin,
Koi Nahi Pata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Mahalakshmi Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nar Gata.
Ur Aanad Samata,
Paap Utar Jata.
Om Jai Lakshmi Mata.
Om Jai Lakshmi Mata,
Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko Nisdin Sewat,
Har Vishnu Vidhata.
Om Jai Lakshmi Mata.
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Video
लक्ष्मी माता की आरती विडियो निचे दिया गया है. आप इस विडियो को देख कर सही उच्चारण के साथ लक्ष्मी माता की आरती कर सकतें हैं.
विडियो श्रोत : यूट्यूब
माता लक्ष्मी की आप सब पर हमेशा बनी रहे.
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लक्ष्मी जी की आरती कैसे करें?
“माता लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए मनुष्य के अंदर सम्पूर्ण रूप से लक्ष्मी माता के प्रति अगाध श्रद्धा, भक्ति और बिस्वास की भावना होनी चाहिए.साथ ही उस मनुष्य के कर्म धर्म परायण होने चाहिए. तभी आपको लक्ष्मी जी की आरती का सम्पूर्ण शुभ फल प्राप्त होगा.”
― श्री संजय जी
- आप सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ किसी भी दिन माँ लक्ष्मी जी आरती कर सकतें हैं.
- गुरुवार, शुक्रवार, शौभाग्य लक्ष्मी जी के व्रत में, धनतेरस, दिवाली, कोजागरी पूर्णिमा आदि में विशेष रूप से माँ लक्ष्मी जी की आरती करें.
- प्रातः काल और संध्या काल का समय माँ लक्ष्मी जी की आरती के लिए शुभ माना गया है.
- वैसे आप किसी भी समय लक्ष्मी जी की आरती कर सकतें हैं.
- सम्पूर्ण रूप से शुद्ध और पवित्र होने के पश्चात माँ लक्ष्मी जी की पूजा आराधना करें.
- उसके पश्चात लक्ष्मी जी की आरती करें.
- आरती के पश्चात माँ लक्ष्मी जी से जाने अनजाने किये गए अपराधों के लिए क्षमा याचना करें और अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखने की प्रार्थना करें.
लक्ष्मी जी की आरती का महत्व (Importance of Lakshmi Ji Ki Aarti)
जिस साधक पर माँ लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि पड़ जाए, वह धन धान्य से हमेशा परिपूर्ण ही रहता है.
― श्री संजय जी
- माँ लक्ष्मी जी की आराधना और स्तुति के लिए कई माध्यम है.
- उनमे से एक महत्वपूर्ण माध्यम है लक्ष्मी जी की आरती को सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना.
- माँ लक्ष्मी जी की कृपा पाप्ति के लिए लक्ष्मी जी की आरती भक्तिपूर्वक करना एक सरल माध्यम है.
- जहाँ लक्ष्मी जी की आरती सम्पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ की जाती है वहां माँ लक्ष्मी जी निवास करती है.
- माँ लक्ष्मी जी की कृपा जिस मनुष्य पर पड़ जाए उसे फिर दुःख और दरिद्रता कभी भी नहीं सता सकती है.
- मनुष्य को धन धान्य की प्राप्ति माँ लक्ष्मी जी की कृपा से होती है.
- जहाँ लक्ष्मी जी की आरती और पूजन होती है वहां सकारात्मक उर्जा प्रवाहित होने लगती है.
आज के इस प्रकाशन को हम यहीं समाप्त कर रहें हैं. यहाँ हमने कुछ और आरतियों के लिंक दिए हुए हैं. आप इन्हें भी देख सकतें हैं.
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