श्री विष्णु भगवान की स्तुति के लिए Om Jai Jagdish Hare Aarti ॐ जय जगदीश हरे आरती का गायन करना अत्यंत ही शुभ होता है.
भगवान श्री विष्णु की आराधना और स्तुति करना अत्यंत ही मंगलकारी होता है. श्री विष्णु इस संसार के पालनहार हैं.
समस्त प्राणियों का पालन श्री विष्णु ही करतें हैं. अपने भक्तों की पुकार पर वे दौरे चले आते हैं.
श्री विष्णु भगवान की स्तुति के लिए आप Om Jai Lakshmi Ramana Aarti ॐ जय लक्ष्मी रमणा आरती को भी माध्यम बना सकतें हैं.
दोनों ही आरतियाँ अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी है. आप किसी भी आरती के माध्यम से श्री विष्णु भागवान की आराधना और स्तुति कर सकतें हैं.
Vishnu Chalisa | विष्णु चालीसा का पाठ करना मनुष्य को इस संसार के भव बंधन से मुक्ति प्रदान करता है.
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Om Jai Jagdish Hare Aarti ॐ जय जगदीश हरे आरती
|| ॐ जय जगदीश हरे आरती ||
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ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का, स्वामी दुःख विनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी, स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी, स्वामी तुम अंतर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मुरख खलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
दीनबंधु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ, अपनी शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वामी पाप हरो देवा।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे……..
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Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics
|| Om Jai Jagdish Hare Aarti ||
Source : YouTube
Om Jai Jagadish Hare
Swami Jai Jagadish Hare |
Bhakt Jano Ke Sankat,
Daas Jano Ke Sankat,
Kshan Me Dur Kare |
Om Jai Jagadish Hare……..
Jo Dhyave Phal Pave,
Dukh-Bin Se Man Kaa,
Swami Dukh-Bin Se Man Kaa |
Sukh Sampati Ghar Aave,
Sukh Sampati Ghar Aave,
Kasht Mite Tan Kaa |
Om Jai Jagadish Hare……..
Maat Pita Tum Mere,
Sharan Gahu Kiski,
Swami Sharan Gahu Mai Kiski |
Tum Bin Aur Na Duja,
Tum Bin Aur Na Duja,
Aas Karu Mai Jiski |
Om Jai Jagadish Hare……..
Tum Puran Paramatma,
Tum Antarayami,
Swami Tum Antarayami |
Parbrahma Parameshwar,
Parbrahma Parameshwar,
Tum Sab Ke Swami |
Om Jai Jagadish Hare……..
Tum Karuna Ke Saagar,
Tum Paalan-Karta,
Swami Tum Paalan-Karta |
Mai Murakh Phala-Kami
Mai Sevak Tum Swami,
Kripaa Karo Bharta |
Om Jai Jagadish Hare……..
Tum Ho Ek Agochar,
Sabke Praan-Pati,
Swami Sabake Praan-Pati |
Kis Vidh Milu Dayamay,
Kis Vidh Milu Dayamay,
Tumko Mai Kumati |
Om Jai Jagadish Hare……..
Dina-Bandhu Dukh-Harta,
Thakur Tum Mere,
Swami Rakshak Tum Mere |
Apne Haath Utthao,
Apne Sharan Lagao
Dwar Pada Tere |
Om Jai Jagadish Hare……..
Visay-Vikar Mitao,
Paap Haro Deva,
Swami Paap Haro Deva |
Shraddha Bhakti Badhao,
Shraddha Bhakti Badhao,
Santan Ki Seva |
Om Jai Jagadish Hare……..
Om Jai Jagadish Hare
Swami Jai Jagadish Hare |
Bhakt Jano Ke Sankat,
Daas Jano Ke Sankat,
Kshan Me Dur Kare |
Om Jai Jagadish Hare……..
Om Jai Jagadish Hare
Swami Jai Jagadish Hare |
Bhakt Jano Ke Sankat,
Daas Jano Ke Sankat,
Kshan Me Dur Kare |
Om Jai Jagadish Hare……..
इसे भी देखें : Tulsi Aarti | तुलसी माता आरती
विष्णु भगवान की आरती कब और कैसे करें?
- पूर्णिमा, संक्रान्ति, एकादशी और बृहस्पतिवार के दिन श्री विष्णु भगवान की आरती ॐ जय जगदीश हरे (Om Jai Jagdish Hare Aarti) करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.
- प्रातः काल और संध्याकाल का समय आरती के लिए उत्तम माना गया है.
- सत्यनारायण भगवान की पूजा में भी आप इस आरती को गाते हुए श्री सत्यनारायण भगवान की आरती कर सकतें हैं.
- तुलसी विवाह में भी इस आरती को गाया जाता है.
- सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ और पवित्र होने के पश्चात ही आरती करें.
- आरती करतें समय अपना ध्यान सिर्फ भगवान श्री विष्णु पर ही लगाए रखें.
भगवान श्री विष्णु की स्तुति और आराधना करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है. जीवन में सुख और शांति के लिए श्री विष्णु जी की आराधना करें.
दुःख और दरिद्रता दूर भगाने के लिए श्री विष्णु जी की आराधना करें.
जीवन में सफलता प्राप्त के लिए श्री विष्णु की आराधना करें.
आज के इस अंक में बस इतना ही. हमारे अन्य प्रकाशनों को भी देखें और लाभ उठाएं.
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