Shattila Ekadashi 2025 – इस अंक में हम जानेंगे की षटतिला एकादशी कब है? षटतिला एकादशी व्रत का पारण कब है? षटतिला एकादशी में तिल का क्या महत्व है? तथा षटतिला एकादशी में तिल का कैसे उपयोग किया जाता है?
नमस्कार, सभी श्री विष्णु भक्तों का हम hdhrm.com में हार्दिक अभिनन्दन कर रहें हैं.
एकादशी व्रत का हमारे हिन्दू धर्म में अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान माना गया है. सभी एकादशी व्रत का अपना अलग ही महत्व है.
षटतिला एकादशी, जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की इस एकादशी व्रत में तिल को विशेष महत्व दिया गया है. आगे इस प्रकाशन में हम इस संबंद्ध में और चर्चा करेंगे.
तो बिना देरी किया चलिए हम सब सबसे पहले यह जानतें हैं की साल 2025 में षटतिला एकादशी कब है? (Shattila Ekadashi 2025 Date).
Table of Contents
Shattila Ekadashi 2025 – षटतिला एकादशी कब है?
आप सबको ज्ञात होगा फिर भी हम यहाँ बताना चाहेंगे की षटतिला एकादशी व्रत प्रत्येक वर्ष हिन्दू कैलेंडर के माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है.
साल 2025 में माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 25 जनवरी, शनिवार को है. इस कारण इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 25 जनवरी 2025, शनिवार को किया जायेगा.
Shattila Ekadashi 2025 | 25 January 2025, Saturday |
षटतिला एकादशी 2025 | 25 जनवरी 2025, शनिवार |
चलिए हम सब माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्ति के समय की जानकारी प्राप्त करतें हैं.
माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की जानकारी
चूँकि माघ माह कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी व्रत किया जाता है. विष्णु भगवान और एकादशी माता को समर्पित षटतिला एकादशी व्रत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व हमारे धर्म ग्रंथो में बताया गया है.
इस कारण से हमने माघ माह कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है. जिससे किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति से बचा जा सके.
माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ | 24 जनवरी 2025, शुक्रवार 07:25 pm |
माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्त | 25 जनवरी 2025, शनिवार 08:31 pm |
हमें पूर्ण बिस्वास है की यहाँ तक की दी हुई जानकारी से आप सब अवश्य ही संतुष्ट होंगे. टॉप सबसे पहले इस साईट को बुकमार्क कर लें. और कमेंट में जय श्री विष्णु लिखें.
अब हम षटतिला एकादशी व्रत का पारण कब है? की जानकारी प्राप्त करतें हैं.
Shattila Ekadashi Parana Time – षटतिला एकादशी व्रत का पारण कब है?
जैसा की हमने ऊपर आप सब लोगों को जानकारी दी हुई है की इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 25 जनवरी 2025, शनिवार को किया जाएगा. षटतिला एकादशी व्रत का पारण 26 जनवरी 2025, रविवार को किया जायेगा. समय की जानकारी हमने यहाँ टेबल में दी हुई है.
Shattila Ekadashi 2025 Parana Time | 26 January 2025, Sunday 07:12 am – 09:21 am |
षटतिला एकादशी व्रत पारण समय | 26 जनवरी 2025, रविवार 07:12 am – 09:21 am |
षटतिला एकादशी में तिल का महत्व
- हमारे हिन्दू धर्म में तिल को अत्यंत ही पवित्र माना गया है.
- हमारे धार्मिक कार्यों में तिल का अत्यंत ही प्राचीन काल से प्रयोग किया जाता है.
- षटतिला एकादशी में तो तिल को बहुत ही अधिक धार्मिक महत्व प्रदान किया गया है.
- इस दिन पिसे हुए तिल का उबटन करना चाहिए,
- जिस जल से स्नान करेंगे उसमे कुछ मात्रा में तिल अवश्य डालना चाहिए.
- जल जो आप ग्रहण करेंगे उसमे भी कुछ मात्रा में तिल अवश्य डालें.
- तिल से हवं करना चाहिए.
- इस दिन तिल के व्यंजन का सेवन करना शुभ माना गया है.
- साथ ही षटतिला एकादशी में तिल के दान को अत्यंत ही शुभ माना गया है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार षटतिला एकादशी व्रत को नियमानुसार करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है.
- मोक्ष के द्वार उस साधक के लिए खुल जातें हैं.
षटतिला एकादशी का महत्व – Importance of Shattila Ekadashi
- आप सबको बताना चाहूँगा की सभी एकादशी व्रत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व हमारे धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है.
- षटतिला एकादशी के एक दिन पूर्व से ही साधक को सम्पूर्ण सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- व्रत के दिन प्रातः काल स्नान आदि करके खुद को स्वच्छ और पवित्र कर लेना चाहिए.
- फिर षटतिला एकादशी व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्तिपूर्वक श्री विष्णु भगवान का पूजन करना चाहिए.
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करें.
- द्वादशी तिथि को प्रातः काल में स्नान ध्यान करने के पश्चात श्री विष्णु का पूजन अक्रें.
- फिर किसी ब्राहमण और निर्धन को भोजन कराएँ.
- निर्धनों को दान दक्षिणा दें.
- उसके पश्चात ही षटतिला एकादशी व्रत का पारण करें.
षटतिला एकादशी व्रत किस तिथि को किया जाता है?
माघ माह कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी व्रत किया जाता है.
षटतिला एकादशी व्रत में किस चीज को सर्वाधिक महत्व दिया गया है?
आप सबको हमने इस प्रकाशन में बताया है की षटतिला एकादशी व्रत में तिल को सर्वाधिक महत्व दिया गया है. वैसे किसी भी व्रत या पूजन में सर्वाधिक महत्व श्रद्धा-भक्ति और बिस्वास का होता है.
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