Amalaki Ekadashi 2025 – आज के इस अंक में हम जानेंगे की आमलकी एकादशी व्रत कब किया जाता है?आमलकी एकादशी कब है? आमलकी एकादशी व्रत का पारण कब है? आमलकी एकादशी व्रत का क्या महत्व है? साथ ही एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने का समय कब है?
नमस्कार, सभी एकादशी व्रत करने वाले श्रद्धालुओं का hdhrm.com में हम हार्दिक अभिनंदन करतें हैं.
आप सभी श्रद्धालु जो की एकादशी व्रत कर रहें हैं. आप अत्यंत ही भाग्यवान हैं. आप पर भगवान श्री विष्णु की पावन कृपा है.
हमारे धार्मिक ग्रंथों में एकादशी व्रत को अत्यंत ही महत्वपूर्ण और पुण्यदायी व्रत माना गया है. प्रत्येक हिन्दू माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत हम सब करतें हैं.
सभी एकादशी व्रत का धार्मिक ग्रंन्थो में अलग-अलग नाम दिया गया है. तथा सभी एकादशी व्रत का विशेष महत्व हमारे धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है.
हमारी मान्यता है की इस कलयुग में भगवान श्री विष्णु हम सबके तारणहार हैं. श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री विष्णु जी की आराधना और स्तुति करना अत्यंत ही पुण्यदायी कार्म है.
एकादशी व्रत के माध्यम से हम सब भगवान श्री विष्णु जी की आराधना और स्तुति करतें हैं.
तो चलिए अब हम सब अपने मूल मंतव्य पर आतें हैं और आमलकी एकादशी 2025 (Amalaki Ekadashi 2025) के बारे में जानकारी प्राप्त करतें हैं.
Table of Contents
आमलकी एकादशी व्रत कब किया जाता है? (When is Amalaki Ekadashi fast observed?)
आप सभी श्रद्धालुओं को बताते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है की आमलकी एकादशी व्रत फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है. हमने ऊपर आप सभी को बताया है की प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की एकादशी और शुक्ल पक्ष की एकादशी को एकादशी व्रत किया जाता है.
फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी व्रत किया जाता है और फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत किया जाता है.
Amalaki Ekadashi 2025 – आमलकी एकादशी कब है?
इस वर्ष अर्थात 2025 में आमलकी एकादशी व्रत 09 मार्च 2025, रविवार को किया जायेगा.
आमलकी एकादशी 2025 | 09 मार्च 2025, रविवार |
Amalaki Ekadashi 2025 | 09 March 2025, Sunday |
साधू, विधवा, वैष्णव आमलकी एकादशी व्रत 10 मार्च 2025, सोमवार को करेंगे.
चलिए अब हम सब फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की जानकारी
जैसा की आप सभी भक्तजनों को ज्ञात हो चूका है की फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि एक अत्यंत ही शुभ और पवित्र तिथि है. इस तिथि को भगवान श्री विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए हम सब आमलकी एकादशी व्रत करतें हैं.
इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ हो रही है – 09 मार्च 2025, रविवार को 06:15 am को.
तथा फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त हो रही है – 10 मार्च 2025, सोमवार को 06:14 am पर.
फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ | 09 मार्च 2025, रविवार 06:15 am |
फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त | 10 मार्च 2025, सोमवार 06:14 am |
Importance of Amalaki Ekadashi (आमलकी एकादशी व्रत का महत्व)
- आमलकी एकादशी व्रत में आंवले को सर्वाधिक महत्व दिया गया है.
- आप सबकी जानकारी के लिए बताना चाहूँगा की आंवले के वृक्ष को आदि वृक्ष के रूप में जाना जाता है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले के वृक्ष के प्रत्येक भाग में भगवान का निवास होता है.
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आंवला अत्यंत ही गुणकारक होता है.
- धार्मिक मान्यता है की आमलकी एकादशी व्रत करने से कई तीर्थ करने के बराबर पूण्य की प्राप्ति होती है.
- जो कोई साधक सपूर्ण श्रद्धा के साथ आमलकी एकादशी व्रत करता है, वह भगवान श्री विष्णु की कृपा से मोक्ष को प्राप्त करता है.
- बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आमलकी एकादशी का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि को महादेव शिव माँ पार्वती की विदाई करवाकर काशी लेकर आये थे.
- इस दिन कशी में बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है.
- इसी तिथि से काशी में होली उत्सव की भी शुरुआत होती है.
- इस कारण से काशी में आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
आमलकी एकादशी कब मनाई जाती है?
फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है.
आमलकी एकादशी में किस फल को सबसे अधिक महत्व दिया गया है?
आंवला का आमलकी एकादशी व्रत में सबसे अधिक महत्व दिया गया है.
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